अंतरजातीय विवाह भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है। हमारे दशकों के अनुभव के आधार पर, हमने देखा है कि यह विषय न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक स्तर पर भी कई चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है।
अंतरजातीय विवाह का मतलब है कि दो अलग-अलग जातियों के लोग विवाह बंधन में बंधते हैं। यह विवाह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन होता है, बल्कि दो अलग-अलग संस्कृतियों, परंपराओं और परिवारों का भी मिलन होता है।
अंतरजातीय विवाह की चुनौतियाँ
अंतरजातीय विवाह में सबसे बड़ी चुनौती सामाजिक स्वीकृति की होती है। भारतीय समाज में जाति व्यवस्था गहरी जड़ें जमा चुकी है, और इसे तोड़ना आसान नहीं होता। परिवार और समाज के लोग अक्सर इस प्रकार के विवाह को स्वीकार नहीं करते, जिससे नवविवाहित जोड़े को मानसिक और भावनात्मक तनाव का सामना करना पड़ता है।